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मैं ख़याल हूँ किसी और का-Main Khayal Hun Kisi Aur Ka

http://ghazal143.blogspot.com/2016/09/main-khayal-hun-kisi-aur-ka.html

मैं ख़याल हूँ किसी और का मुझे सोचता कोई और है
सर-ए-आईना मेरा अक्स है पस-ए-आईना कोई और है

मैं किसी के दस्त-ए-तलब में हूँ तो किसी के हर्फ़-ए-दुआ में हूँ
मैं नसीब हूँ किसी और का मुझे माँगता कोई और है

तुझे दुश्मनों की ख़बर न थी मुझे दोस्तों का पता न था
तेरी दास्ताँ कोई और थी मेरा वाक़या कोई और है..

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