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बात दिन की नहीं अब रात से डर लगता है













बात दिन की नहीं अब रात से डर लगता है
घर है कच्चा मेरा, बरसात से डर लगता है

तेरे तोहफे ने तो बस खून के आंसूं ही दिये
ज़िन्दगी अब तेरी सौगात से डर लगता है

प्यार को छोड़ कर तुम और कोई बात करो
अब मुझे प्यार की हर बात से डर लगता है

मेरी खातिर ना वो बदनाम कहीं हो जाये
इसलिए उनकी मुलाकात से डर लगता है..

दर्द का नाम..




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