बस गयी है मेरे अहसास में ये कैसी महक कोई खुशबू मैं लगाऊं , तेरी खुशबू आये मैंने दिन रात खुदा से ये दुआ मांगी थी कोई आहट न हो दर पे मेरे और तू आये उसने छोड़ कर मुझे पत्थर से फिर इंसान किया मुद्दतों बाद मेरी आँख में आंसू आये...
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