शर्त ये है कोई बाँहों में सम्भाले मुझको..
अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझको
मैं हूँ तेरा तो नसीब अपना बना ले मुझको
मुझसे तू पूछने आया है वफ़ा के माने
ये तेरी सादा दिली मार ना डाले मुझको
खुद को मैं बाँट न डालूँ कहीं दामन-दामन
कर दिया तु ने अगर मेरे हवाले मुझको
वादा फिर वादा है मैं ज़हर भी पी जाऊँ
शर्त ये है कोई बाँहों में सम्भाले मुझको।।
आँखों में रहा दिल में उतरकर नहीं देखा..
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